चीख-पुकारू राष्ट्रवाद जमूरियत के लिए जानलेवा बीमारी है।

इस देश मे अफवाह फैलाने वाली एक देशी मशीनरी है।राष्ट्रवाद की ठेकेदारी करने वाले कुछ बीमार लोग इस मशीनरी का हिस्सा है।ये लोग बीस मील दूर जाते किसी ट्रक से गाय का मांस सूंघ लेते है।पुलिस के पंहुचने से पहले ड्राइवर को पीट देते है। न्याय के मंदिर मे ही सभावित निर्दोष पर जूते चलाकर त्वरित न्याय कर देते है।भारत मे एक अजीब किस्म का राष्ट्रवादी धारा है जो राष्ट्रपिता के हत्यारे को अपना हीरो मानती है।दरअसर यह अंधा राष्ट्रवाद है जो सामाजिक कचरे की खुराक पर जीता है और अन्ततः समय आने पर पूरे समाज को ही चबा जाता है।इस रोग ने आजादी के लम्बे संघर्ष से जन्मी राष्ट्रवाद की स्वस्थ समझ को बीमार किया है।जमूरियत की जङो को खोखला किया है।यह सब एकाएक नही हुआ है बल्कि यह उस मशीनरी की व्यापक योजना का हिस्सा है जिसका जिक्र मैने पहली पंक्ति मे किया है।
भारत का लोकतंत्र जोखिम भरे सफर से गुजर रहा है।जिस देश मे देशभक्ति का ठेका लफंगो के किसी गिरोह ने ले रखा हो वहा जमूरियत की उल्टी गिनती शुरू कर देनी चाहिए। राष्ट्रीय एकता का विचार अगर मजहबी गुण्डो की तरफ से उछाला जाए तो यकीन कर लेना चाहिए कि राष्ट्र की एकता खतरे मे है।
हमारा आज बदसूरत है।अन्धा राष्ट्रवाद अपने डैनो से देश की एकता के नाजुक रेशे टटोल रहा है।प्यार के धागो को टटोलकर तोङ देना पैदाइश से ही उसका ख्वाब रहा है।अब तक की जमीन भी उसने टकराव और बिखराव के बूते पायी है। कही आप इसे जाने या अनजाने मे शह तो नही दे रहे?? खुद से पूछिएगा कहा खङे है?किस ओर खङे है? इन दिनो दिनकर की एक लाइन बहुत याद आ रही है।'जो तटस्थ है समय लिखेगा उनका भी अपराध।'

आशुतोष तिवारी

टिप्पणियाँ

  1. Ashutosh tumhare do blog padhe h ab tk....boht hi satik or samridh lekhan kr rhe ho tum....plzz likhte raho....tumhare in vicharo ko shabad dene ki boht zarurat h aaj...ll

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  2. Ashutosh tumhare do blog padhe h ab tk....boht hi satik or samridh lekhan kr rhe ho tum....plzz likhte raho....tumhare in vicharo ko shabad dene ki boht zarurat h aaj...ll

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