संदेश

प्रधानमन्त्री जी ! क्या लोकतंत्र की संस्थाओं को सोच –समझकर कमजोर किया जा रहा है ?

मोदी जी !! .आपकी सरकार में आम आदमी से देश के नाम पर बलिदान मांगते रहने की इन्तहा हो रही है |