संदेश

सुनो दोस्त !!!.... हमारी - तुम्हारी दोस्ती भी बिलकुल 'ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा' जैसी थी |

सुनो प्रिय !!...तुम्हारा प्यार किसी रोज मुझे पत्रकार बना देगा |

औसत एक धोखा देने वाला शब्द है |

सुनो प्रिय !!!.. लोग इश्क में 'शायर' होने की बजाय 'शहर' हो रहे हैं |

पीड़िता अगर दलित है तो 'दलित पीड़िता' लिखा जाना जरूरी है |

कुंठाएं हमारी परवरिश की नाजायज बेटिया हैं |

.....नहीं तो भारत एक थोपा हुआ राष्ट्र बनकर रह जाएगा |

मां !..यह शहर लगभग बीमार हो चुके लोगों की रचना है |

यह हमारे 'देखने' की दरिद्रता है |

बहन' सी है .....पर.'बहन'...... जितनी दूर नही !!!

हर कलाकार के जीवन के पीछे एक कठोर नियति कार्य करती है |

.....नही तो राष्ट्रवाद अंततः टकराव पर टिका बौद्धिक मिथक बनकर रह जायेगा !!!!

इस बजट के लिए राहुल गांधी को शुक्रिया नही बोलियेगा ???